चुड़ियाला पावर ट्रांसफार्मर ठप्प : आज चौथे दिन भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं?

132/33 केवी सब स्टेशन चुड़ियाला का 40 एमवीए पावर ट्रांसफार्मर ठप्प से उद्योग चौपट!
मीडिया को ग़लत जानकारी देकर कर रहे गुमराह!

देहरादून/रुड़की। विगत 15 जनवरी 2024 को रात्रि 10 बजे लगभग 132/33 केवी सबस्टेशन चुडियाला (रुड़की) का 40 एमवीए ट्रांसफार्मर ट्रिप हो जाने से इस औद्योगिक क्षेत्र की आपूर्ति आज चौथे दिन भी ठप्प रही जबकि इस बारे में क्षेत्रीय अभियंताओं के अलग अलग कथन हैं। मजेदार बात यहां यह है कि जिसे ये अभियंता और मुख्य अभियंता ट्रिप होना बता रहे हैं वह 40 पावर ट्रांसफार्मर पूरी तरह ठप्प हो चुका है।

ज्ञात हो कि यह ट्रांसफार्मर भी उसी आईएमपी कम्पनी का है जिसके दर्जनों ट्रांसफार्मरों की खरीद में भारी घोटालेबाजी साबित भी हो चुकी थी परन्तु आज तक उस भ्रष्टाचारयुक्त खरीद में सम्मिलित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता व चीफ इंजीनियर (सी एण्ड पी) को बजाए दण्डित करने के पुरस्कृत कर इस भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली डबल इंजन की सरकार के द्वारा यूपीसीएल में एक को एमडी और दूसरे को निदेशक (परियोजना) के पद पर नवाजा जा चुका है। यदि करोड़ों की खरीद में गुणवत्ता का ध्यान रखा गया होता और खाईबाडी न की गयी होती तो आज पिटकुल उसका दंश न भुगत रहा होता!

ज्ञात हो कि भगवानपुर सब् स्टेशन का एक पावर ट्रांसफार्मर लगभग छः माह से अनाधिकृत रूप से हरिद्वार की किसी वर्कशॉप में हास्पिटलाईज्ड चल रहा है। जिस कारण स्टैण्डवाई के रूप में भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति करने के लिए इस सबस्टेशन पर या हरिद्वार जिले में किसी भी सबस्टेशन के पास कोई वैकल्पिक ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं है।

बताया जा रहा है कि यदि इस ट्रांसफार्मर की गारंटी अवधि तो पहले ही समाप्त हो चुकी है। इस ट्रांसफार्मर को ठीक होने में एक से दो सप्ताह से अधिक समय लगने की सम्भावना। अगर इन अभियंताओं की मानें कि इस ट्रांसफार्मर पर लोड ना के बराबर था और कोई आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है सरासर मीडिया को और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके खामियों को छिपाने वाली बात है। चर्चा तो यह भी है कि ईआर एस फंड में ख़र्च तो करोंड़ों हो रहे परंतु वह राशि क्या केवल कागजों में ही लग रही है क्या?

मुख्य अभियंता (गढ़वाल) अनुपम सिंह का कहना है कि ट्रांसफार्मर के ठीक होने में समय लगेगा हांलाकि टेस्टिंग टीम लगी हुई है तथा उद्योगों का कार्य प्रभावित ना हों उसके लिए लोड शेयरिंग कर दी है और शेष फीडरों पर लोड ट्रांसफर किया जा रहा है।  मुख्य अभियंता का कहना है कि इस सब स्टेशन के क्षेत्र में सोलर जनरेशन लगभग 70 मेगावाट की है और कुल लोड 40 मेगावाट है। जिससे चुड़ियाला और सिकन्दर पुर फीडर की सप्लाई फुलफिल होती।

उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिनों पहले ही सीएम धामी ने कड़ी मशक्कत करके देश विदेश के इन्वेस्टर्स को लुभाने के लिए तरह तरह के मनमोहक सपने और सुद्रह्ण व्यवस्था की झांकी दिखाई थी ताकि इन्वेस्टर समिट में आये उद्योगपतियों अपने प्रोजेक्ट्स यहां पर लगायें! परन्तु विचारणीय और गम्भीर तथ्य यह है कि क्या उन पर इस तरह की प्रतिकूल व्यवस्था का प्रतिकूल ही प्रभाव नहीं पडेगा?

ज्ञात हो कि इस औद्योगिक क्षेत्र में अंबुजा सीमेंट लिमिटेड, एवरेस्ट इंडस्ट्रीज लिमिटेड, गोदरेज, लिबर्टी शूज लिमिटेड आदि जैसे बड़े कारखाने स्थापित हैं। जिसमे कार्य करने वाले हजारों मादजदूरो की दिहाड़ी भी खतरे में पड़ गयी है।

क्या एमडी पिटकुल इस गम्भीर अव्यवस्था और रखरखाव की अनदेखी पर कोई ऐक्शन लेंगे? और उद्योग प्रभावित ना हों इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था करके दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे?

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