हिमाचल विस में विपक्ष के सदस्यों की आउटसोर्स नीति पर चर्चा की मांग से प्रश्नकाल बाधित

शिमला।  हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आउटसोर्स नीति पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर मंगलवार को प्रश्नकाल बाधित किया।

बजट सत्र के लिए मंगलवार सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने यह मुद्दा उठाया कि राज्य में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक नीति लाने के लिए भाजपा द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने यह कहते हुए विपक्ष को इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी कि यह मामला सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा भी प्रश्नकाल में उठाया गया था और सरकार सदन में जवाब देगी। उन्होंने सदस्यों को प्रश्नकाल चलने देने का सुझाव दिया। इससे एक भाजपा सदस्य नाराज हो गये और वह पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ सदन के बीचोबीच चले गए और आसन के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

बाद में सदन ने विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्नकाल में हिस्सा लिया। अध्यक्ष ने विपक्ष के सदस्यों को भी सवाल पूछने के लिए बुलाया लेकिन वे नारेबाजी करते रहे। सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा,“ जयराम ठाकुर पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे, फिर उनकी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति क्यों नहीं बनाई। आज प्रश्नकाल बाधित कर वे अपनी नींद से बाहर आ रहे हैं। हार के 100 दिन बाद वह आउटसोर्स कर्मचारियों का महत्व समझ गए।”

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों को लगता है कि वे उनकी सेवा करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र पंद्रह दिन से चल रहा है लेकिन विपक्ष को आज उस मुद्दे की अहमियत याद आ गई जिसे वे सदन की कार्यवाही बाधित करते हुए उठा रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार ने पहले ही आउटसोर्स कर्मचारियों के हित के बारे में सोचा है और उनके वेतन में 700 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की है तथा उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता वाली एक कैबिनेट उपसमिति पहले से ही इस मामले को देख रही है। उन्होंने पिछली सरकार पर शासन के अंतिम क्षण में एक उपसमिति गठित करने का आरोप लगाया और नियमों का पालन किए बिना नौकरियों को आउटसोर्स करने के लिए एक क्लीनवेज कंपनी को काम पर रखा। उन्होंने कहा कि सरकार ने भर्ती नियमों का उल्लंघन करते हुए क्लीनवेज को आउटसोर्स हायर करने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर गंभीर हैं और उपसमिति की रिपोर्ट आने के बाद नीति बनाएंगे।

अध्यक्ष ने विधानसभा के नियम का उल्लंघन करने के लिए नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि नियम 2 और 12 के उपनियम किसी भी सदस्य को अध्यक्ष की ओर पीठ करके सदन को संबोधित करने की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन श्री ठाकुर बार-बार अनुरोध करने के बावजूद आसन की ओर नहीं मुड़े और सदन में वापस आ गए। उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार सदन के सदस्य के अनुरूप नहीं था। विपक्ष का कोई सदस्य सदन में नहीं होने पर विपक्ष के नेता को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने व्यवहार में सुधार करें।

विनोद सुल्तानपुरी (कसौली-कांग्रेस) ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ब्लैक स्पॉट नहीं हटाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा दिया गया जवाब बेहद असंतोषजनक है। कांग्रेस के एक सदस्य ने लोक निर्माण विभाग के मंत्री द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कल नियम 62 के तहत चर्चा भी करायी थी। उन्होंने कहा, “मैं एनएचएआई को पत्र लिखूंगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग से ब्लैक स्पॉट हटाने में राज्य सरकार की मदद करें और एनएच एवं फोरलेन की योजना बनाने से पहले सदस्यों की चिंता पर भी ध्यान दें।”

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