बद्रीनाथ में मंदिर समिति के अधिकांश अतिथि गृह सरकारी नियंत्रण में

चमोली।  विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड के बद्रीनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्रीनाथ मास्टर प्लान का कार्य फिर तेजी पकड़ेगा। इधर 27 अप्रैल को बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। बद्रीनाथ मास्टर प्लान निर्माण कार्य के लिए बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के बद्रीनाथ स्थित अधिकांश अतिथि गृह , धर्मशालाऐं सरकार ने अधिग्रहीत की हैं।

ऐसे में जब बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। तब यात्री अतिथि कहां ठहरेंगे ! इस पर सबकी नजर रहेगी। बद्रीनाथ मास्टर प्लान निर्माण कार्य के कारण बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के भवन , सम्पत्ति का संरक्षण कैसे होगा। यह सवाल भी खड़े हो रहे हैं। बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा प्रशासन , शासन से पूर्व में भी बद्रीनाथ में बद्रीनाथ मास्टर प्लान की कार्य अवधि में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की भवन , भूमि के मंदिर समिति में समाहित अधिकारों को यथा वत बनाते रखने के सम्बन्ध में वार्ता हुई है। बजट सत्र के बाद पुनः जिला प्रशासन से इस सम्बन्ध में वार्ता कर अनुरोध किया जायेगा। यात्रा का संचालन , व्यवस्था भी चले व बद्रीनाथ मास्टर प्लान का कार्य भी हो। दोनों में संतुलन बनाए। ऐसी व्यवथा बनाते रखने पर सहमति बनाने का वातावरण अवश्य बनेगा ।

बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ में मंदिर समिति के अधिकांश अतिथि गृह प्रशासन ने अधिग्रहीत किये हैं। जिनमें कुछ में मास्टर प्लान कार्य से सम्बंधित कर्मी , अधिकारियों को रहने की ब्यवस्था है। तो मंदिर समिति की कुछ धर्मशालाओं में उन स्थानीय लोगों के रहने की ब्यवस्था की गई है। जिनके आवास , ब्यापार प्रतिष्ठान बद्री नाथ मास्टर प्लान निर्माण कार्य के कारण अधिग्रहीत किये गये और निर्माण के लिए ध्वस्त हुये हैं। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पास वर्तमान में नाम मात्र के ही एक दो अतिथिगृह बचे हैं। जिनमें कपाट खुलने पर यात्री अतिथि रुक सकतें हैं ।

बद्रीनाथ मंदिर के निकट ऐतिहासिक भवन है गुजराती भवन। इसे प्रचलन भी बोलचाल भाषा में राष्ट्रपति भवन भी पुराने लोग कहते हैं। बद्रीनाथ निवासी जगदीप मेहता कहते हैं पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जब बद्रीनाथ दर्शन के लिए आये थे। तो इसी अथिति भवन में रुके थे। तब से इसे पुराने लोग ‘राष्ट्रपति भवन’ भी पुकारते हैं। आज भी जब वी वी आई पी चाहे वे राष्ट्रपति हों , प्रधानमंत्री हों , राज्यपाल , मंत्री हों। भगवान बदरी विशाल के दर्शन से पूर्व और बाद में इसी ऐतिहासिक और सुसज्जित भवन में आतिथ्या जाता है। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत निकट भविष्य में इसे भी हटाया जाना है और मास्टर प्लान के तहत यहां पर योजना के अनुसार कार्य होना है ।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा बद्रीनाथ में यात्रा व्यवस्था के अनुसार व्यवस्था बनी रहे। बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्य भी बाधित न हो। मंदिर समिति की सम्पत्ति भी संरक्षित रहे। इसके लिए वार्ता जारी है। मंदिर समिति की सम्पत्ति गुजराती भवन में यात्रा अवधि में हटाने का कार्य न हो। इसके लिए सरकार से वार्ता जारी है।

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