हरिद्वार: ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रकोप से वैज्ञानिक चिंतित

हरिद्वार। उत्तराखंड के रुड़की में सोमवार को विश्व जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार हुआ इसमें मौसम में हो रहे बदलाव एवं इसके मानव जीवन पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर चर्चा की गयी।

सेमिनार में बताया गया कि जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम में बदलाव हो रहा है और ऋतु के क्रम में भी बड़े बदलाव देखे गए हैं जिसके कारण कई जगह बारिश की अधिकता देखी गई है तो कहीं सूखा पड़ रहा है इसी प्रकार ओड़िशा, कर्नाटक जैसे राज्यों में अधिक बारिश और तूफान के कारण जानमाल की हानि हो रही है वहीं उत्तर भारत में कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की स्थिति देखी गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हमें सटीक भविष्यवाणी के लिए आधुनिकतम उपकरणों से लैस होना पड़ेगा वही ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करना पड़ेगा जिससे कम से कम नुकसान हो और जनहानि को रोका जा सके ।

ओडिशा से आए स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट कमिटी के चेयरमैन प्रदीप कुमार जीना का कहना है कि जिस तरीके से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है उससे मौसम मैं लगातार उतार-चढ़ाव देखे गए हैं कहीं वर्षा अधिक हो रही है तो कहीं समुद्री तूफान आ रहे हैं और कहीं सूखे की स्थिति बनी हुई है इन सब से जान माल की हानि का नुकसान कम हो इसके लिए नई तकनीक और नए उपाय खोजने होंगे ताकि समय रहते सटीक भविष्यवाणी की जा सके और बुनियादी सुविधाओं का विकास करके नुकसान को कम किया जा सके।

उत्तराखंड प्रदेश आपदा प्रबंधन संस्थान के महानिदेशक दुर्गेश पंथ का कहना है कि राज्य में प्राय: आपदाएं आती रहती हैं जिस प्रकार ग्लोबल वार्मिंग हो रही है उससे मौसम तेजी से बदल रहा है किसी स्थान पर अधिक बारिश होने से काफी नुकसान झेलना पड़ता है। अतः मौसम में आ रहे बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग के बड़े सवाल के समाधान ढूंढने के लिए इस प्रकार के सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगी और आपदा के कारण और उसके बचाव को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा मंथन किया जा रहा है जिसको लेकर यहां देश-विदेश के वैज्ञानिक इकट्ठा हुए हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *