ये कैसी एमडीडीए की सील है, जो बार-बार लगती है और फिर भी शादी समारोह होते रहते हैं? गजब

सोनी गार्डन बना सोने का गार्डन!
अवैध, अनुचित एवं कोर्ट से पराजित फिर भी ध्वस्तीकरण नहीं : इतनी मेहरबानी क्यों?
लोंगो के आशियाने उजाड़ने वाला विकास प्राधिकरण इन माफियाओं के आगे बौना क्यों?
एमडीडीए नहीं रोक पा रहा नवादा में भी अवैध प्लाटिंग का धंधा?

…और जब लुट चुके होंगे लोग, तब लगायेंगी गैर कानूनी खरीद फरोख्त पर डीएम साहिबा रोक?

(पोलखोल- तहलका)
देहरादून। माफियाओं से साठ-गांठ में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की वो जेसीबी जो गरीबों और असहाय पर अपना पंजा चलाने में तनिक भी देर नहीं लगाती वह नियमों की धज्जियां उड़ानें वाले और भोले-भाले पहाड़वासियों को गुमराह कर लूटने वालों के सामने कैसे घुटने टेकती नजर आती है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण डिफेंस कॉलोनी के‌ निकट नवादा कूटला में साफ तौर पर देखा जा सकता है वह भी तब जब डीजी सूचना ही वीसी एमडीडीए हैं, इससे यह भी पता चलता है कि इनका सूचना तंत्र और दवदबा कितना लचर है। सचिव वर्निया सहित सहायक अभियन्ता आदि सभी अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलापने पर लगे हुए दिखाई पड़ रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना नक्शा स्वीकृत करायें नियम विरुद्ध बनाये गये नवादा स्थित बैंडिंग प्वांइट जो सोनी गार्डन  के नाम से जाना जाता है। उक्त बेडिंग प्वाइंट एमडीडीए अधिकारियों के लिए जहां एक ओर सोने (गोल्ड) का गार्डन बना हुआ सारे नियमों की खुले आम धज्जियां ही नहीं उडा रहा है बल्कि एमडीडीए के मुंह पर प्राधिकरण की सांठ-गांठ से जब-तब तमाचा भी जड़ रहा है। तभी तो सीलिंग के बाबजूद भी उक्त वैडिंग प्वाइंट में शादी समारोह भी वेखौफ करा व्यवसाय किया जा रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे एमडीडीए ने साझेदारी कर ली हो!
देखिए सीलिंग भी और शादी समारोह भी : गजब!
बताया जा रहा है कि 2019-20 में उक्त बैंडिंग प्वांइट के विरुद्ध अवैध रूप से बिना नक्शा स्वीकृत कराये निर्माण कार्य किये जाने पर कार्यवाही की गयी थी सीलिंग व ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू किये जाने के फरमान भी जारी किये जा चुके थे। परिणामस्वरूप चेयरमैन/ आयुक्त के यहां से भी इस गैर कानूनी निर्माण पर कोई राहत नहीं मिली।
मजेदार बात यह प्रकाश में आई है कि अभी विगत 10-11 दिसम्बर को ही इस बैंडिंग प्वांइट को फिर एक बार सील कर दिया गया तो दस दिन बाद ही उसमें बिना आदेश के 23-24 दिसम्बर को शादी समारोह कैसे हो रहा है?
देखिए सीलिंग की कार्यवाही…!
 
उल्लेखनीय यहां यह है कि इस बैंडिंग प्वांइट को सील करने की कार्यवाही एमडीडीए टीम द्वारा अनेकों बार की जाती रही और हरबार एमडीडीए के कुछ वफादार सहायक अभियन्ताओं और अधिकारियों की कृपादृष्टि के कारण इसकी लगी सील को किसी न किसी बहाने स्वार्थवश अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सीलिंग में लगा ताला नियमों के विपरीत खोला जाता रहा है।
वहीं दूसरी ओर एमडीडीए के द्वारा जब-तब अवैध‌निर्माणों पर कड़ी कार्यवाही किये जाने का ढोल ही बजाता दिखाई पड़ता है।
नहीं रुक रही नवादा में भी अवैध प्लाटिंग और गैर कानूनी खरीद फरोख्त का धंधा: कब डीएम लगायेगीं रोक?
एमडीडीए के इस सेक्टर के अधिकारियों और अभियंताओं सहित सचिव स्तर तक पर यह भी देखने को मिल रहा है कि भूमाफियाओं पर इनकी विशेष कृपा की बजह या तो सांठ-गांठ है या फिर इनके द्वारा घुटने टेक दिए गये है तभी तो नवादा मित्तल भट्टे पर चल रही अवैध प्लाटिंग पर लगाम कसने और  कार्यवाही शून्य नजर आ रही है। इसे सहायक अभियन्ता और सचिव महोदय की उदासीनता कही जाये या विशेष कृपादृष्टि जिसके चलते बिना ले-आउट स्वीकृत करायें ही भोले-भाले पहाड़वासियों को भू-माफिया गुमराह कर लूटने व ठगने पर आमादा है यही नहीं जिस भूमि के स्वामित्व ही अभी विवादित है और मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में विचाराधीन है तथा स्थगन आदेश भी खतौनी में स्पष्ट रूप से अंकित है तब ऐसी स्थिति में होने वाली खरीद फरोख्त आने वाले समय में सैंकड़ों विवादों को जन्म नहीं देगी? क्या तब अपने घर और आशियानों का सपना लिए ये भोले-भाले लोग तारीख पर तारीख की पंक्ति में खड़े होकर शासन प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे होंगे? मजेदार बात यहां यह भी है उक्त भू-माफिया के द्वारा एमडीडीए द्वारा लगाया गया बोर्ड भी ढक दिया जाता है ताकि लोग पढ़ न सकें।
देखना यहां गौर तलब होगा कि क्या जिला प्रशासन और एमडीडीए जनहित में इस अवैध बिक्री और प्लाटिंग पर रोक लगाती है या नहीं? या फिर आंख बंद किये तमाशबीन बनी रहेगी…?

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