पिटकुल राजन प्रकरण : रिकार्ड में की जा रही है हेराफेरी, एसडीओ व एसएसओ पर मेहरबानी क्यों?

ब्रेकिंग: एम्स डाक्टरों ने दिया जबाब, किडनी हुई फेल

पांचवें दिन भी राजन के और वेहतर उपचार के लिए एक्स्पर्ट टीम की व्यवस्था नहीं कर रहा पिटकुल!
नहीं किया गया रिकार्ड सील? वरिष्ठ अधिकारियों का जमावड़ा लगा है बचाव की जुगाड में!
नहीं ली जा रही प्रताड़ित व ग्रसित परिवार की सुध?
दबाईयों व अन्य जरूरी खर्चे कहाॅं से करें मजदूर निर्धन परिवार?
अधिकारिक मेडिकल बुलेटिन नहीं कर रहा जारी, एम्स?
पुलिस रिपोर्ट ना कराने के लिए बहला-फुसला रहे दलाल व अधिकारी!

छपते – छपते : एम्स डाक्टरों ने दिया जबाब, किडनी फेल व बीपी हुआ शून्य

रिषीकेश/ देहरादून। पांच दिन से ज़िन्दगी और मौत से संघर्ष करते राजन को अब दबा नहीं दुआएं ही बचा सकती हैं उक्त जानकारी अभी अभी करीब 9 बजे करीब राजन के परिजन ने फोन पर दी है।

ज्ञात हो कि रुड़की -रामनगर सब स्टेशन पर एक लाख 32 हजार बोल्टेज करंट पर गैर तकनीकी व्यक्ति को डांट डपट कर ज़बरदस्ती स्ट्रेक्चर पर सीटी की अर्थिंग करने को कहने वाले जेई सुमित सैनी को तो एमडी पीसी ध्यानी ने गत दिवस निलम्बित तो कर दिया परंतु कहीं दूर  अटैच न करके उसी‌‌ डिवीजन में सम्बद्ध भी कर दिया। यही नहीं सम्बंधित एसएसओ जिसपर शटडाऊन‌ लेने की जिम्मेदारी न निभाने का आरोप है को और एसडीओ के विरुद्ध कोई कार्यवाही न करके हताहत राजन के परिजनों में रिकार्ड में गड़बड़ी किये जाने की आशंका को साकार रूप में चरितार्थ करने पर बल व मौका भी दे दिया है। उक्त आरोप और बढ़ी जुबान में चर्च पीड़ित परिजनों में विद्यमान है।

एमडी पिटकुल के गत दिवस एम्स पहुंचने और हाल चाल पूछने पर जहां दुखी परिजन आभार व्यक्त कर रहे हैं वहीं उनके विश्वास को धक्का तब लगा जब एमडी साहब ने राजन के और अच्छे उपचार व एक्स्पर्ट की टीम बुलवाने की दिशा में कोई कार्यवाही या कदम नहीं उठाया। क्योंकि आज पांच दिन बाद भी राजन की हालत चिंताजनक बनी हुई है हालांकि एम्स के‌ चिकित्सक पूरी मेहनत कर रहे हैं फिर भी यदि एक्सपर्ट्स टीम की‌ व्यवस्था समय रहते हो जाये तो 70% झुलस चुके राजन में जल्दी सुधार लाया जा सकता है। बेचारा मजदूर व मजबूर पिता नंद लाल करें तो क्या?

दूसरी ओर पिटकुल प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी व उनके दलाल इस हादसे से खुल रही गड़बड़झाले की पोल के डर से परिजनों को बहलाने फुसलाने में लगे हुए मत चूको चौहान की कहावत को चरितार्थ करने में प्रयासरत हैं।

पीड़ित परिवार ने हमें बताया कि उनके बच्चे राजन को पक्की नौकरी का लेटर एक सितम्बर अर्थात आज पिटकुल के अधिकारियों (जेई साहब और एसडीओ साहब) ने देने का उससे वादा किया था वह भी आज नहीं दिया भले वह उन्हीं की बजह से  उपचाराधीन है? इस कारण उनमें असंतोष है रोष उत्पन्न हो रहा है।

देखना यहां गौरतलब होगा कि एमडी पिटकुल इस प्रकरण को गत दिवस की अपने एम्स विजिट को ही इतिश्री मानकर पर्याप्त मान लेते हैं या फिर दोषी उन सभी के विरुद्ध कोई कड़ा रुख अपनाकर एक्शन लेंगे और दूसरी ओर गम्भीरता से राजन के बेहतर इलाज व परिवार की सुरक्षा की दिशा में कोई कदम उठाते हैं या फिर यूं ही नेताओं की तरह कोरे…?

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