तीसरे दिन और 72वें घंटें में ही करूंगा कम्पलाईन्स : बड़ा साहब हूं! निदेशक परिचालन, मुख्य व अधीक्षण अभियंता की भी नहीं सुनता!

वाह रे, वाह! ऊर्जा विभाग का लाडला यूपीसीएल, वाह!
ऐसे उड़ाते हैं ये उच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां!
ये उपभोक्ताओं से काली कमाई के‌ लिए करते हैं उनका उत्पीड़न और शोषण!
एक ओर पीएम मोदी का भ्रष्टावोव्यवसायी आने की भी न सोचें।

उल्लेखनीय यह भी है कि पहले इस लीज होल्डर के विपरीत स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने लोकल का बेनिफिट अनुचित रूप से देकर उक्त व्यवसायी को क्षति पहुंचाने और भगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी तब न्यायपालिका ने‌ही लीज होल्डर को न्याय देकर बचाया और विद्युत विभाग तंग व परेशान करने पर आमादा है।

मजेदार बात यहां यह बताई जा रही है कि उच्च न्यायालय के दिनांक 28जून के आदेश के बाबजूद भी कनेक्शन न जोड़ने में उक्त अधिशाषी अभियंता कोई कोर कसर नहीं छोड रहे हैं और निदेशक परिचालन, मुख्य अभियंता कुमायूं तथा अधीक्षण अभियंता सहित जीएम लीगल के निर्देशों की भी अवहेलना करने में नहीं चूक रहे हैं और कैसे टाईम सीक किया जाये तथा काली कमाई व भेंट पूजा के‌ लिए मजबूर किया जाये के प्रयास में लगे हुये यूपीसीएल की छवि को बट्टा लगा रहे हैं। क्या इस निरंकुशता और तानाशाही रवैया के प्रति एमडी यूपीसीएल का उपभोक्ताओं के प्रति झूठा व दिखावटी प्यार कुछ कारगर व सबक सिखाने वाला एक्शन सामने आयेगा या फिर संरक्षण बरकरार रहेगा?

देखना यहां यह भी गौर तलब होगा कि डबल इंजन की सरकार और धामी का धाकड़पन चलेगा या फिर‌ इन घोटालेबाजों का गोरख धंधा?

स्वयं ही देख लीजिए उच्च न्यायालय का आदेश और उपभोक्ता के शोषण की कहानी…!

 

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