वृद्ध गया आंखों का इलाज कराने नोएडा और गुंडों ने जेसीबी से तोड़ डाली तुनवाला में उसकी बाउंड्री

धाकड़ धामी के राज में गुंडों और बदमाशों के विरुद्ध दून पुलिस नहीं लिखती एफआईआर!
ऐसा जंगल राज, पहले कभी न देखा, न सुना!
2005 के अदालती निर्णय के खिलाफ दादागीरी पर उतरा तथाकथित भूमाफिया : सरेआम, दिन दहाड़े अवैध कब्जे का प्रयास
चार दिन से खुले आम वालावाला चौकी की शह पर चोरी और ऊपर से सीनाजोरी करते माफिया
डीजीपी, डीआईजी कहते भी हैं परन्तु थाने चौकी अपनी आदत से मजबूर…! 
तस्वीरें भी दिखा रही हैं असल कहानी ….!

देहरादून। अपराध और अपराधी पर लगाम लगाने के लिए तैनात पुलिस जब अपराधियों और माफियाओं को खुले आम संरक्षण देगी तो प्रदेश में क़ानून का राज नहीं जंगल राज ही होगा और गुंडे मवाली खुले आम दिन दहाड़े ऐसे ही करेंगे जैसा राजधानी दून के थाना रायपुर क्षेत्र में विगत चार दिन पूर्व वालावाला चौकी के संरक्षण में चकतुनवाला में 73 वर्षीय सतीश कुमार के साथ हुआ। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने आज तीन दिन बीत जाने के उपरान्त कार्यवाही करना तो दूर पीड़ित सीनियर सिटीजन की एफआईआर तक नहीं दर्ज की जबकि डीआईजी/एसएसपी के कार्यालय में बुजुर्ग ने लिखित शिकायत भी 23जून को लेली थी तथा वहां उपस्थित डीआईजी साहब के पीए ने उसी समय थाना रायपुर एसओ को कठोर कार्यवाही करने और एफआईआर दर्ज करने को भी कहा था परंतु यह थाना चौकी की पुलिस है यहां आदेशों और नियमों को माननीय वाली कहां? इसे तो अपने थाने चौकी का कागजी आंकड़ा मेनटेन रखना है, भाड़ में जाये पीड़ित!

सतीश कुमार के अनुसार उनके पक्ष में 20-04- 2005 को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी/ नगर मजिस्ट्रेट, देहरादून का निर्णय हो चुका है और वे वाद संख्या 15/2004-05  धारा 229बी. ज. वि. अधिनियम के अनुसार खाता संख्या 762 के खसरा सं. 1098ग तथा उससे मिला हुआ खसरा सं.1099 के मालिक स्वामी है तथा राजस्व अभिलेखों में भी तदनुसार दर्ज है। वृद्ध दम्पत्ति अपनी आंखों का आप्रेशन कराने अपने वेटे के पास नोएडा गये हुये थे जिसका अनुचित लाभ इन सफेदपोश माफियाओं और गुंडों ने उठा कर दिन दहाड़े बाउंड्रीवाल तोड़ डाली। पीड़ित बुजुर्ग ने यह भी बताया कि इसी क्षेत्र का कोई दबंग तथाकथित भूमाफिया उनकी कीमती जमीन पर निगाह गड़ाए है और वह पावर आफ अटार्नी के बल पर किसी दूसरी जगह पर स्थित खबरें की भूमि को नाजायज रूप इस जमीन को अपना बता कर गुंडागर्दी के बल पर उनकी जमीन हथियाने का प्रयास कर रहा है और उस माफिया के इस दुष्कृत्य में वालावाला चौकी पुलिस इन गुंडों के चिन्हित हो जाने के उपरान्त भी कार्यवाही न करके उन्हीं को संरक्षण प्रदान कर रही है। सतीश कुमार के अनुसार इस खुले आम गुंडागर्दी को दिन दहाड़े अंजाम दिया गया और उनकी बाउंड्री वाल सहित फसल को भी तहस नहस कर दिया गया। उन्होंने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज बगैरा भी दिखा दी परंतु  पुलिस उनके दबाव में रहकर जैसा ये माफिया चाह रहे हैं विशात बिछाती जा रही है ताकि मनगढ़ंत रिपोर्ट पुलिस से लगवा कर अनुचित लाभ उठाया जा सके।
उल्लेखनीय यह नहीं कि वृद्ध सतीश कुमार की रिपोर्ट पुलिस ने नहीं लिखी। बल्कि उल्लेखनीय तो यह है कि एक आम आदमी और पीड़ित व्यक्ति को भी इस प्रदेश की थाना चौकी की पुलिस दर्ज करना तो दूर उसकी शिकायत लेते ही नहीं है और रिसीविंग मांगने पर धमका कर भगा देते हैं ताकि‌ एफआईआर दर्ज करने से उनके थाना चौकी का ग्राफ न बढ़ जाये। यही कारण है कि प्रदेश में गुंडागर्दी व माफिया गीरी निरंतर बढ़ती जा रही है और यहां कानून का राज न होकर जंगल राज बन कर रह गया है। जबकि तेज तर्रार डीजीपी, डीआईजी और धाकड़ धामी अक्सर यही कहते देखें जाते हैं कि एफआईआर दर्ज न करने वाले थाना चौकी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। क्य कभी पुलिस के जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी धरातल पर खडे़ होकर अपने आदेशों को परखने की कोशिश करते हैं और वास्तविकता जानने की छापामार कोशिश करते हैं? उन्हें भी तो आकंड़ों की ही चिन्ता है!

देखना यहां गौर तलब होगा कि धाकड़ धामी के राज में गुंडों मवालियों और माफियाओं को इस मामले भी पनाह मिलती है या सजा?

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