भगवान ईशानेश्वर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू

चमोली। उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ में गुरु भगवान ईशानेश्वर मंदिर का नव निर्माण पूरा होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान विधि विधान और मंत्रों के साथ आरंभ हो गया है।

बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। बीकेटीसी अध्यक्ष अजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से संकल्प लेकर आचार्य विद्वानों द्वारा भगवान ईशानेश्वर मंदिर की प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा। आगामी 15 जून को यज्ञ हवन के बाद विधिवत देव मूर्तियां मंदिर में प्रतिष्ठापित हो जायेंगी , इसी के साथ श्री ईशानेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना तथा दर्शन शुरू हो जायेंगे।

श्री केदारनाथ धाम में उत्तर- पूर्व दिशा ईशान के दिगपाल भगवान ईशानेश्वर को 11 वें रूद्र का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि ईशानेश्वर भगवान समस्त वास्तु दोषों को दूर कर देते है तथा श्री केदारनाथ भगवान की पूजा-अर्चना भोग लगाने से पहले श्री ईशानेशवर भगवान की पूजा-अर्चना तथा भोग लगाया जाने की परंपरा है। वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में श्री ईशानेश्वर मंदिर पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। श्रद्धालुओं द्वारा लगातार श्री ईशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की जा रही थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ यात्रा के दौरान ईशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किये जाने की बात कही थी।

बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने विगत वर्ष से ही मंदिर के पुनर्निर्माण हेतु दानी दाताओं से भी अपील की थी। तथा आर्किलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने उत्तर- पूर्व अर्थात ईशान दिशा का सर्वेक्षण किया था। डेढ़ करोड़ की लागत से मुंबई महाराष्ट्र के एक दानीदाता मनोज सोलंकी द्वारा भब्य ईशानेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है तथा आज मंदिर की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू हो गया।

इस अवसर पर बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, बीकेटीसी सदस्य निवास पोस्ती, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, दानीदाता मनोज सोलंकी तथा उनके पारिवारिक जन सहित धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, पुजारी शिवलिंग केदारनाथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, केशव तिवारी आदि मौजूद रहे।

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