उत्तराखंड: दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास

हल्द्वानी। उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश अदालत ने पॉक्सो एक्ट के एक मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी रामरतन को दोषी करार देते हुए बीस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

विशेष न्यायाधीश नंदन सिंह की ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज यह फैसला सुनाया।इस पूरे मामले में सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नवीन चन्द्र जोशी ने पैरवी की और मामले में कुल सात गवाहों की गवाही हुई है।

शासकीय अधिवक्ता जोशी ने बताया कि नाबालिग की मां शकुन्तला ने दिनांक 20.2.2020 को नैनीताल जिले के कालाढूंगी थाना में रामरतन (27) निवासी ग्राम उदयपुरी कमोला,कालाढूंगी जिला नैनीताल के खिलाफ अपनी नाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर भगा कर ले जाने की नामजद रपट दर्ज कराई। पुलिस ने नाबालिग को दिनांक 28.2.2020 को अपहर्ता के साथ कमोला के निकट बैल पोखरा गुरूद्वारा के पास बरामद किया।

अदालत ने आरोपी को पाक्सो अधिनियम की धारा 5(ठ) /6 के तहत बीस वर्ष के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई।अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत 5 वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदंड और भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत भी पांच वर्ष के सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई।

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