पिटकुल‌ : अब केवल महाप्रबंधक (विधि) ही रह गये टंडन,  कम्पनी सचिव के पद से हटाया 

तीन माह पूर्व 81वीं बोर्ड मीटिंग में गर्माया था यह मामला!

(शशी गुप्ता, ब्यूरो चीफ द्वारा)

देहरादून। उत्तराखंड ऊर्जा विभाग के सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, आईएएस द्वारा पिटकुल एमडी को जारी एक पत्र में कहा गया है कि महाप्रबंधक (विधि) एवं कम्पनी सचिव के पद पर आसीन चले आ रहे प्रवीण टंडन को तत्काल प्रभाव से कम्पनी सचिव के पद से हटाया जाता है और‌ वे अब केवल महाप्रबंधक (विधि)  ही रहेंगे।
ज्ञात हो कि उक्त ऊर्जा अनुभाग-2 के द्वारा गत दिवस जारी उक्त पत्र के विषय में उल्लिखित “श्री प्रवीन टंडन, महाप्रबंधक, विधि द्वारा परिवर्तित पदनाम (महाप्रबंधक, विधि एवं कंपनी सचिव) के पदनाम को संशोधित किये जाने विषयक।
उक्त पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2007 में निर्धारित पिटकुल स्टाफ स्ट्रक्चर सम्बंधी शासनादेश 27-9-2007 में उपमहाप्रबंधक विधि एवं कंपनी सचिव का एक पद स्वीकृत हैं, बताया गया तथा 5-9- 2015 के शासनादेश में महाप्रबंधक विधि का एक पद स्वीकृत हुआ। इसी सन्दर्भ में पिटकुल बोर्ड की 53वीं बैठक में महाप्रबंधक विधि के पदनाम को परिवर्तित करते हुए महाप्रबंधक विधि एवं कंपनी सचिव किये जाने का निर्णय लिया गया।
मजेदार बात यह है कि  निदेशक मंडल की बैठक दिनांक 10-11-2016 में एक कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से उक्त टंडन का प्रमोशन महाप्रबंधक, विधि के पद पर कर दी गयी।
देखिए गत दिवस जारी पत्र…
सूत्रों की अगर यहां माने तो विगत अक्टूबर माह में बोर्ड की बैठक में कंपनी सचिव और महाप्रबंधक, विधि के संयुक्त पदनाम और एक ही व्यक्ति दो-दो पदों पर विद्यमान चले आने को लेकर बोर्ड की अध्यक्षता कर रही अपर मुख्य सचिव के समक्ष हुआ वादविवाद भी चर्चा में रहा था। शायद यह उसी विवाद का परिणाम है कि शासन ने संजीदगी दिखाते हुते दोनों पदों को अलग करते हुते नई व्यवस्था दी है। अब उपमहाप्रबंधक, विधि एवं कंपनी सचिव के पद को सीधी भर्ती एवं अस्थाई व्यवस्था के अन्तर्गत संचालन हेतु निगम को कार्यवाही सुनिश्चित करने को लिखा गया है।
यहां यह भी उल्लेख करना ठीक ही होगा कि पिटकुल में विगत काफी दिनों से एक पद एक व्यक्ति का उल्लंघन को लेकर एक व्यक्ति पर दो -दो पद होने को लेकर निगम हित के कार्यों में अजीबोगरीब स्थिति चल रही थी और जब तब टकराव की स्थिति भी देखने को मिली है जिससे‌ पिटकुल में काम कम राजनीति ज्यादा दिखाई पड़ती थी।
देखना यहां अब यह भी गौर तलब होगा सीएम धामी का ऊर्जा विभाग तीनों निगमों में रिक्त चले आ रहे अथवा काम चलाऊ व्यवस्थाधीन पदों पर कुम्भकरणी नींद त्यागता है या नहीं अथवा ऐसे ही बैशाखियों पर लड़खड़ाते हुए तीनों निगम चलते रहेंगे और मठाधीशों को अप्रत्याशित लाभ तथा नये लोगों को प्रतिभा दिखाने के अवसरों का हनन होता रहेगा?

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