पिटकुल की पोल खोलती ये वायरल वीडियो कहीं “आधी हकीकत, आधा फ़साना” तो नहीं?

ऊर्जा निगमों में फलते फूलते भ्रष्टाचार पर कब लगेगी रोक?
भूमाफियाओं के दलालों की साज़िश में फंसा एसडीओ – कुछ तो है दाल में काला !
…यदि सच नहीं, तो ब्लैक मेल क्यों हो रहा?
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस : एक्शन सख्त होगा : एमडी पिटकुल, पी सी ध्यानी
यूं ही लाखों घरों का निर्माण इन हाईटेंशन लाईनों के नीचे नहीं हुआ!
मामला पुराना हो या नया, पर भंडाफोड़ तो अब!
(ब्यूरो चीफ, सुनील गुप्ता)
देहरादून। विगत लगभग दस वर्षों से उत्तराखंड के ऊर्जा निगमों में जिस तरह से भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों ने अपनी जड़ें मजबूत की हैं उससे उबर पाना कठिन ही नहीं दुर्लभ सा दिखाई पड़ रहा है क्योंकि यहां जो भी सत्तारूढ़ होता है वह भी इसी चांदी की चमक में और चार चांद लगाने में संलिप्त नजर आता है। इसी का परिणाम है कि वादे – दावे सबके सब ढोंग बन जाते हैं।
ऐसा ही भ्रष्टाचार से लबालव एक और मामला इन दिनों यूट्यूब पर वीडियो के रूप में वायरल हो रहा है जिसमें पिटकुल मुख्यालय की नाक के नीचे उसी परिसर में स्थित माजरा सबस्टेशन पर तैनात एक एसडीओ जिसका नाम सोहनपाल बताया जा रहा है, किसी बिल्डर, भूमाफिया की अथवा उसके दलाल की एनओसी देने की एवज में डेढ़ लाख की रिश्वत की मांग कर रहा है इस हो रही रिश्वत की वार्तालाप वायरल हो रही वीडियो में स्पष्टरूप से सुनी व देखी जा सकती है। उक्त वायरल वीडियो में यदि भ्रष्टाचार और काली कमाई के चक्कर में जनजीवन की जान से खिलवाड़ करके पिटकुल व यूपीसीएल के सिर करंट से हुए हादसे का ठीकरा फोड़ने तथा उर्जा निगमों को बदनाम करने का जो खेल धड़ल्ले से पूरे प्रदेश में चल रहा है की एक बानगी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
देखिए वायरल होता वीडियो….!
https://youtu.be/AVaH8R6LU-A?t=291
ज्ञात हो कि उक्त वायरल वीडियो यूं तो विगत दो महीनों से पिटकुल के बड़े अधिकारियों के संज्ञान में भी आ चुकी बताई जा रही है परन्तु सभी मामले पर चुप्पी साधे बैठे हुए इस पर कार्यवाही करने से कतराते हुए दायित्व से विमुख होकर Sua moto action नजर आ रहे हैं। इन अधिकारियों की नगण्यता का यह कृत्य भी साफतौर पर संलिप्तता साबित कर रहा है। गत दिवस उक्त वायरल वीडियो जब हमारे हाथ लगी और हमने इसकी तह में जाने और वास्तविकता पता करने की जो कोशिश अभी तक करके पता लगा है कि उक्त वायरल वीडियो “आधी हकीकत, आधी फ़साना” की कहावत को प्रथम दृष्टया चरितार्थ कर रही है। इस वायरल वीडियो की वास्तविकता क्या है क्या नहीं ये तो गम्भीर जांच व कार्यवाही का विषय है। फिलहाल तो यह सच ही लग रहा है कि उक्त एसडीओ भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबा हुआ है और दाल में कुछ काला है या फिर दाल ही काली है। सम्बंधित एसडीओ महोदय से जब इस सम्बंध में जानकारी चाही गयी तो वे बगले झांकते हुए सच्चाई से अलग इधर उधर की कहानी बता भ्रमित करने का प्रयास करते ही अभी तक नजर आ रहे हैं। उक्त विडियो The Indian Exposer के logo के साथ  viral की जा रही थी जिसमे Kine Master डिजिटल सॉफ्टवेर का भी प्रयोग किया जाना प्रद्रषित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि उक्त वीडियो को लेकर कुछ अधिकारी ‘मेरा और तेरा‘ की राजनीति करके किसी का ठीकरा, किसी के सिर फोड़ने की तैयारी में लग गये हैं। कुछ तो दबी जुबान से निवर्तमान अधिशासी अभियंता यमुना कालोनी अनुरक्षण एवं परिचालन डिवीजन के कार्यकाल का और कुछ उनसे भी पहले के अधिशासी अभियंता के समय अर्थात 2021का बता पल्ला झाड़ने का प्रयास करने में लग गये हैं। इस डिवीजन के अन्तर्गत माजरा सब डिवीजन सहित हर्रावाला और लालतप्पड़ तीन सब डिवीजन तीन आते हैं। माजरा सब डिवीजन में आने वाली हाईटेंशन की 220 व 132 केवी की कुल्हाल से माजरा, माजरा से झाझरा तथा माजरा से लालतप्पड़ की ट्रांसमीशन लाइनें लगभग तीन चार दशकों से विद्यमान हैं जिन पर हाई बोल्टेज विद्युतीय करंट दौड़ता रहता है। ऐसा ही लाईनों का जाल पूरे प्रदेश में ऊर्जा प्रदेश होने के नाते फैला हुआ है। राज्य निर्माण के साथ ही  भूमाफियाओं और बिल्डर्स व कोलोनाईजर्स ने हाईटेंशन लाईनों के नीचे की जमीनें औने पौने दामों में खरीद कर एमडीडीए से एप्रूब्ड कराने हेतु आवश्यक यूपीसीएल वह पिटकुल से एन ओ सी का जो जबरदस्त काली कमाई के चक्कर में खेल अभियन्ता व अधिकारी खेल रहे हैं और अपनी अवैध कमाई करके सारे नियमों कानूनों को बलाए ताक रखते हुये जनजीवन से भी खिलवाड़ करने पर तुले हुए हैं तथा हादसा होने पर पिटकुल व यूपीसीएल के सिर ठीकरा फुडवाते चले आ रहे हैं। यह नहीं ये मोटी काली कमाई में ट्रांसमिशन लाईनों पर पेट्रोलिंग के समय हाई टेंशन लाईनों के नीचे हो रहे अवैध निर्माण कार्यों को न रोक कर उनसे सांठगांठ कर लेते हैं। जबकि इन्हें नियामक आयोग व नाम के अनुरूप और गाइडलाइन के अनुसार ही अनुमति या अनापत्ती प्रमाणपत्र देने का अधिकार होता है।
यहां गौर तलब बात यह भी है कि यदि ऊर्जा निगमों के इन भ्रष्ट व घोटालेबाजों द्वारा नियमों का पालन किया गया होता तो आज लाखों घर व बस्तियां इन हाई बोल्टेज लाईनों के नीचे नहीं बस गयी होती!
उक्त वायरल वीडियो जो जनहित और भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस के तहत कार्यवाही के उद्देश्य से पाठकों के समक्ष जैसा मिला समाचार के साथ परोसा जा रहा है ताकि इस वीडियो की सच्चाई उजागर हो और ऊहापोह की स्थिति समाप्त हो तथा दोषी और शातिर सलाखों के पीछे अपने वास्तविक ठिकाने पर पहुंचे। कानून के मुताबिक रिश्वत लेने और देने वाला अर्थात जब दोनों ही मुजरिम हैं तो उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए। हांलांकि उक्त वायरल वीडियो में किसी शातिर व्यक्ति द्वारा छेड़ छाड़ कर पुराने मामले को तरोताजा करने की भी साफ तौर पर कूट रचना की गयी है, दर्शा रहा है। इस छेड़छाड़ का पर्दाफाश तो पिटकुल के साफ और स्वच्छ छवि वाले बरिष्ठ अधिकारी ही जांच व कार्यवाही के दौरान पता लगाकर कर सकते हैं या फिर पुलिस की साईबर और आईटी क्राईम टीम एवं फोरेंसिक विभाग ही वायरल वीडियो की हकीकत बता सकता है।
इस पूरे प्रकरण पर एमडी पिटकुल ध्यानी का कहना है कि वे इस भ्रष्टाचार के मामले पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगें और यदि इसमें पिटकुल के अधिकारी संलिप्त पाये जाते हैं तो उनके विरुद्ध अवश्य एक्शन लेंगे। उनका भी इस वायरल वीडियो पर प्रथम दृष्ट्या यही कहना है कि उक्त मामला काफी समय पहले का प्रतीत हो रहा है।
क्या इस वायरल वीडियो की सच्चाई और हकीकत सामने लायी जायेगी और रिश्वत लेने और देने वालों का  खुलासा होगा और होगी दोनों के विरुद्ध कड़ कार्यवाही?
देखना यहां गौरतलब होगा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी जिन्होंने वर्तमान में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को ठिकाने लगाने का बीड़ा उठा रखा है वे अपने ही सीधे अधीनस्थ इस ऊर्जा मंत्रालय के निगम के इस प्रकरण पर क्या रुख अपनाते हैं या फिर हाइटेंशन लाईनों के नीचे खुले आम चल रहे इस खेल को ऐसे ही चलता छोड़ किसी बड़े हादसे का इंतजार करते हैं!

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