श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुकदमे की अर्जी पक्षकारों की अनुपस्थित के कारण खारिज

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित मुकदमे में समाज की ओर से पृथक वाद दायर करने की अनुमति मांगने से जुड़े मामले में वादी पक्ष के वकील या अन्य पक्षकारों के अदालत में अनुपस्थित रहने पर अपर जिला सत्र न्यायाधीश (सप्तम) संजय चौधरी ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।

अदालत में वाद की सुनवाई के दौरान किसी पक्षकार या अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने पर न्यायाधीश चौधरी ने अर्जी खारिज कर दी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने अदालत में कहा कि वादी पक्ष अदालत से बार बार तारीख बढ़ाने का अनुरोध करता रहा है। बार बार तारीख बढ़वाने पर अदालत 12 सितंबर को वादी पक्ष पर 01 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा चुकी है, इसलिए वाद को खारिज कर दिया जाना चाहिए। न्यायाधीश ने प्रतिवादी पक्ष के अनुरोध को स्वीकार करते हुए वाद को खारिज कर दिया।

विद्वान न्यायाधीश ने 12 सितंबर की सुनवाई में वाद को खारिज तो नहीं किया, लेकिन पक्षकारों को अंतिम मौका देते हुए सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तिथि निर्धारित कर दी थी। वादी पक्षकार इस वाद को समाज की ओर से दायर करने की अनुमति अदालत से लेना चाह रहे थे।

अधिवक्ता सिंह ने इस वाद को सिविल प्रक्रिया संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत दायर कर अदाजत से समाज की ओर से वाद प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी। इसमें दलील दी गयी कि यह वाद उन लोगों द्वारा दायर किया गया है जिनका विश्वास है कि भगवान श्रीकृष्ण का उस स्थान पर जन्म हुआ था जहां पर आज विवादित ढांचा मौजूद है। इस वाद में प्रतिवादी इंतेजामिया कमेटी, कटरा केशवदेव मन्दिर ट्रस्ट एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान भी शामिल हैं। वादियों का मानना है कि शाही मस्जिद ईदगाह को कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनाया गया है।

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