वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी प्रकरण में मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज की

वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के जिला न्यायालय ने यहां स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की मांग से जुड़े मुकदमे को अदालत में सुनवाई के योग्य बताते हुए वाद की पोषणीयता से संबंधित मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया है।

जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने सोमवार को मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर अपने फैसले में कहा कि उपासना स्थल कानून 1991 और अन्य कानूनी प्रावधान इस मामले में अदालत को सुनवाई करने से बाधित नहीं करते हैं। मुस्लिम पक्ष ने सिविल प्रक्रिया संहिता के नियम 07 आदेश 11 हवाला का देते हुए इस मुकदमे की पोषणीयता को अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने इस मामले में सुनवाई जारी रखने का आदेश देते हुए अगली तारीख 22 सितंबर तय की है।

अदालत ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि यह मामला उपासना स्थल कानून 1991 के प्रावधानों से बाधित नहीं है, इसलिये यह वाद सिविल प्रक्रिया संहिता के नियम 07 आदेश 11 के अंतर्गत नहीं आता है। उपासना स्थल कानून 1991 में देश के धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त 1947 वाली स्थिति को बरकरार रखने का प्रावधान है। वहीं, सिविल प्रक्रिया संहिता से संबंधित नियम में प्रावधान है कि किसी मौजूदा कानून से प्रतिबंधित होने वाले वाद पर अदालत में सुनवाई नहीं की जा सकती है।

गौरतलब है कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार इस मुकदमे की पोषणीयता के बारे में सुनवाई की थी। इस पर लगभग दो महीने तक चली सुनवाई 24 अगस्त को पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर अगली तारीख 12 सितंबर मुकर्रर की थी।

अदालत द्वारा फैसला सुनाये जाने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने अंजुमत इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा पोषणीयता से संबंधित अर्जी को खारिज करते हुए मामले की सुनवाई जारी रखने का फैसला सुनाया है। इस बीच मुस्लिम पक्ष के वकील मिराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि वह जिला जज के आज सुनाये गये फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *