भृषटाचारों, घोटालों व दादागीरी से तृप्त पिटकुल के पीसी ध्यानी बनाये गये कार्यवाहक एमडी : डूबने व लूटने से बचाना एक चुनौती

क्या अन्य ऊर्जा निगमों को भी मिलेगी निजात!

हरिद्वार के यूपीसीएल में ट्रांसफर आर्डर : आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी है एक बजह

ये तो एक ट्रैलर है, पिक्चर अभी बाकी है!

विचाराधीन एक आर्वीट्रेशन में अठारह करोड़ के लिए भरी जा रही कुलांचों पर अब लग सकेगा अंकुश?

 निदेशक परियैजना व परिचालन अभी भी राम भरोसे!

देहरादून। यूं तो उत्तराखंड ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में ही भृषटाचार वह घोटालों एवं लूटखसोट का डेरा है किन्तु आज एकाएक धामी शासन के सचिव ऊर्जा आईएएस आर मीनाक्षी सुंदरम के द्वारा सेकेण्ड सटर्डे के उपरान्त भी आज जब सचिवालय व सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहता है तब पिटकुल के कार्यवाहक एमडी अनिल कुमार को हटाकर निदेशक मानव संसाधन पीसी ध्यानी को नवनियुक्ति अथवा अग्रिम आदेशों तक के लिए एमडी पिटकुल की जिम्मेदारी सौंप दी गयी।

ज्ञात हो कि उक्त अचम्भेपूर्ण आदेश के पीछे तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गरमा गया है। इन चर्चाओं के पीछे जो महत्वपूर्ण चर्चा है वह वर्तमान में चल रही एक गुट विशेष की दादागीरी और नियम विरुद्ध मनमानी व तानाशाह रवैये के चलन का माना जा रहा है। यह भी माना जा रहा है एक विचाराधीन ईशान से सम्बंधित आर्वीट्रेशन के मामले में पिटकुल के कुछ तथाकथित “नमक पिटकुल और वफादारी ईशान की” निभाने वाले इंजीनियरिंग से लेकर लीगल तक के कुछ खास अधिकारियों  की संदिग्ध भूमिका तथा पिटकुल को लगभग सत्रह अठारह करोड़ का चूना लगाने की साज़िश चल रही थी। इस साज़िश के चलते कुछ वफादार अधिकारियों से जबरदस्ती की जा रही थी यही नहीं कुछ को तो “बंदर खेत खायें और निर्दोष लटकाए जाए” खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है।
हरिद्वार जनपद में तैनात यूपीसीएल के कुछ अधीक्षण अभियंताओं व अभियंताओं के  ट्रांसफर आदेश जो विगत दो दिन पूर्व ही किते गये थे। आर्दर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी है एक बजह माना जा रहा है।ज्ञात हो कि निदेशक एच आर का दायित्व भी एमडी यूपीसीएल के ही पास है।

 

मजबूरन शासन को इस प्रकार की अनियमितता और ट्रांसफर पावर के दुरुपयोग को गम्भीरता से लेना पड़ा तथा बिना अनुमति भविष्य में स्थानांतरणों पर रोक भी लगा दी गती। शासन की पहल और हस्तक्षेप पर चुनाव आचार संहिता के दौरान किये गये स्थानांतरण एमडी यूपीसीएल को आखिरकार रद्द ही करने पड़े।
ज्ञात हो कि निदेशक वित्त सुरेन्द्र बब्बर के स्तीफे और काफी समय बाद आखिरकार उनकी विदाई के पीछे भी इन्हीं महाशय और इसी काकॅस का तिलस्मी चश्मा शासन की आंखों पर चढ़ा हुआ था? अभी पिटकुल में निदेशक परियोजना और निदेशक परिचालन के पद राम भरोसे ही चल रहे हैं।
उल्लेखनीय तो यह भी कम नहीं है उक्त एमडी महोदय ही वे एमडी हैं जिन्हें अपने आने अच्छे से अच्छे वाले दिन दिखाई पड़ने लगे हैं तभी तो स्वयं एनओसी आदि इकठ्ठा करने लगे थे कि न जाने कब बुलावा आ जाये और …! ऊपर से बिग बाॅस का अल्टीमेटम और जगजाहिर डबल इंजन वाली प्रदेश सरकार की बदनामी भी एक खास बजह मानी जा रही है। वैसे यह तो इन दबंग महाशय पर शुरुआती एक्शन है जो मात्र ट्रैलर है पिक्चर तो अभी बाकी है जो शीघ्र ही रिलीज हो सकती है!
देखना यहां ग़ौरतलब होगा कि  नये प्रभारी एमडी ध्यानी किस तरह इस काकॅस से पिटकुल को बचाते हुये प्रगति की ओर ले जाते हैं।

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