यूकेएसएसएसी भर्ती घोटाला: हाईकोर्ट ने याचिका की पोषणीयता पर उठाये सवाल, कांग्रेस नेता से मांगा जवाब

नैनीताल। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) भर्ती घोटले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के मामले में याचिका दायर करना कांग्रेस नेता व विधानसभा में उपनेता भुवन चंद्र कापड़ी को भारी पड़ गया है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता से याचिका की पोषणीयता व याचिका दायर करने के अधिकार को लेकर सवाल किया है और इस मामले में 12 सितम्बर तक जवाब देने को कहा है।

कांग्रेस नेता भुवन चंद्र कापड़ी की याचिका पर वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की पीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से कराये गये विभिन्न विभागों की भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है। इस मामले में नित नये खुलासे हो रहे हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि अभी तक इस मामले में सफेद पोश नेताओं के नाम पर एक जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक सिर्फ छोटे लोगों को पकड़ा गया है। बड़ी मछलियों पर जांच एजेंसी की ओर से हाथ नहीं डाला गया है। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की गयी।

दूसरी ओर सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर अदालत में पेश हुए और उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से निष्पक्ष जांच करवायी जा रही है। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को जांच सौंपी गयी है। अभी तक 34 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। अभी और लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है। गिरफ्तार लोगों में से 21 पर गैंगस्टर की कार्यवाही भी की जा रही है। एसटीएफ की ओर से निष्पक्ष जांच की जा रही है।

इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से याचिका की पोषणीयता पर ही सवाल खड़े कर दिये। अदालत ने कहा कि आपने किस आधार पर याचिका दायर की है। अदालत आगे फिर प्रश्न किया कि हर मामले की जांच क्या सीबीआई को सौंपी जा सकती है? सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका राजनीति से प्रेरित है। याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता हैं और विधानसभा में उपनेता के पद पर तैनात हैं।

अंत में अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिये कि वह याचिका की पोषणीयता व याचिका दायर करने के अधिकार को लेकर 12 सितंबर तक जवाब दाखिल करे। अदालत ने याचिकाकर्ता से याचिका में की गयी मांग को भी संशोधित करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

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