सीएम आवास पर पिटकुल व यूपीसीएल के लोकार्पण समारोह में जनता एवं मीडिया का अपमान

सीएम साहब : जंगल में मोर नाचा, किसने देखा !

आधीअधूरी परियोजनाओं की पोल न खुले इस कारण ऊर्जा निगम कर्मियों व अधिकारियों की उपस्थिति में ही कराया गया उद्घाटन 

देहरादून। मुख्यमंत्री आवास पर जनता दर्शन हाल में आयोजित ऊर्जा विभाग के पिटकुल और यूपीसीएल की परियोजनाओं के लोकार्पण समारोह में आज आमंत्रित जनता व मीडिया का बडे़ ही सुनियोजित तरीके से अपमान किया गया। क्या सीएम धामी की ही स्वीकारोक्ति थी या फिर एमडी का यह छलावा?

ज्ञात हो कि पिटकुल की दो व यूपीसीएल की ग्यारह परियोजनाओं के लोकार्पण के लिए आज जनता को समाचार पत्रों में विज्ञापन एवं मीडिया को निमंत्रण पत्र के माध्यम से समारोह में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया गया था। किन्तु जब जनता व मीडिया लोकार्पण समारोह में सम्मिलित होने के लिए कार्यक्रमानुसार सीएम आवास पहुँची तो उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। जनता को तो गेट से वैरंग ये कहकर वापस का दिया गया कि जनता दर्शन हाल के लोकार्पण समारोह में किसी के भी जाने की इजाजत नहीं है। यही जबाव सीएम आवास पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों का मीडिया के लिए था। इस पर इलै. मीडिया व डिजीटल मीडिया के आमंत्रित पत्रकारों ने पिटकुल के (जीएम लीगल एवं कम्पनी सचिव) मीडिया प्रभारी प्रवीण टंडन से पूछा कि जब उन्हें सीएम आवास के जनता दर्शन हाल में लोकार्पण कार्यक्रम के नियमों का ज्ञान नहीं था तो उन्होंने मीडिया व जनता को बिना अनुमति के आमंत्रित क्यों किया? तब मीडिया प्रभारी बगले झाँकते नजर आये और असहाय बने रहे। बमुश्किल तमाम टंडन के कहने पर मात्र चार मीडिया पर्सन को अंदर जाने की अनुमति इस शर्त के साथ दी गयी कि बिना कैमरा और मोबाईल के ही अन्दर जाने की इजाजत होगी जिसे मीडिया ने ठुकरा, कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। पिटकुल व यूपीसीएल द्वारा उक्त कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए लाखों रुपये के जनधन की वर्वादी करके जिस जनता को बुलाया गया उसी को सीएम आवास पर प्रवेश से रोक दिया गया।

ये है  जनता जनार्दन को आमंत्रित करने के लिए विभिन्न  समाचार पत्रों में दिया गया विज्ञापन …

सूत्रों की अगर यहाँ माने तो एमडी महोदय की यह सोची समझी साजिश थी ताकि सीएम के समक्ष उनके उन कारनामों की पोल न खुल सके। एमडी यूपीसीएल व पिटकुल के इस आपत्तिजनक आचरण से लग रहा था कि शायद मुख्यमंत्री के समक्ष मीडिया का सामना करने से एमडी कतरा रहे थे! या फिर भ्रष्टाचारों और काले कारनामों के कारण आमना सामना करने का साहस उनमें  नहीं था? हाँलाकि गोदी मीडिया फिर भी इसे किस तरह परोसेगा यह देखने योग्य होगा!

ज्ञात हो कि आज जिन जिन परियोजनाओं और उपसंस्थानों का लोकार्पण कराया गया उनमें से कुछ काफी पहले ही शुरू हो चुकी हैं केवल उन पर लोकार्पण और चापलूसी के शिलापट लगवा सीएम साहब को भी तो खुश करना था।

इन परियोजनाओं में से कुछ नियम विरुद्ध अत्यंत लेटलतीफी के साथ अभी भी आधीअधूरी हैं तथा गोलमाल और काले कारनामों से लवरेज हैं। यही नहीं आनन फानन में कराये गये इस लोकार्पण समारोह से उन भ्रष्टाचारों और घोटालों के उजागर होने की लगी झडी़ पर पर्दा डालने और सीएम का ध्यान भटका कर वाहवाही लूटने का प्रयास मात्र था।

मजे की बात तो यहाँ यह भी थी जिन जिन परियोजनाओं और उपसंस्थानों का लोकार्पण कराया गया उनका न ही सचिव ऊर्जा ने और न ही एसीएस ऊर्जा मैडम ने कोई परीक्षण व जाँच पड़ताल प्रदेश के मुखिया का द्वारा लोकार्पण से पहले किया गया और उनकी धरातल पर स्थिती का जायजा भी लेना उचित समझा गया? ताकि जैसे यूजेवीएनएल द्वारा आधीअधूरी ब्यासी परियोजना का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री मोदी से करवा कर उनकी आँखों में धूल झोंकी जा चुकी है कि पुनरावृत्ति न हो।

सूत्रों की अगर यहाँ माने तो सीएम से ऐसी परियोजनाओं और सबस्टेशनों का लोकार्पण कराये जाने के पीछे भी एमडी का वही मकसद देखा गया जो महोदय अक्सर सीएम आवास और सीएम सचिवालय की आड़ में रुआब दिखाने और शेखी वघारने के लिए किया करते हैं “कि मैं सीएम साहब के सामने हूँ फटाफट बताओ….। अभी उन्हें बताना है…?”

बताया तो यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्तर के इस लोकार्पण समारोह में केवल एसीएस ऊर्जा, सचिव ऊर्जा व अपर सचिव ऊर्जा सहित ऊर्जा निगमों के ही अधिकारियों व कर्मचारियों और तालियाँ बजाने वालों की भीड़ थी जिस कारण यह लोकार्पण समारोह भी “जंगल में मोर नाचा, किसने देखा” के कहावत बन कर रह गया।

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