ऊर्जा निगम : यूपीसीएल का भ्रष्ट एसडीओ रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा गया, असल मुखिया कब?

…आखिर इस ऊर्जा मंत्रालय की सुध न लेने की बजह? 

जब दशानन बना रखा है एमडी को, तो फिर दोष किसका है ऊर्जा / मुख्यमंत्री जी! 

असल मुखिया कब आयेगा गिरफ्त में जो है इन भ्रष्ट व घोटालेबाजों का सरदार, लेता है अवैध वसूली की चौथ 
धामी-2 शासन आया तो लगा कि शायद अब ऊर्जा विभाग सहित प्रदेश के विभागों को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल जायेगी, परंतु यहाँ तो स्थिति बद् से बदतर  ही होती दिखाई पड़ रही है!  और विभागों और नियमों की बात तो दीगर है जब मुख्यमंत्री के अपने ही सीधे तौर पर आधीन विभागों और मंत्रालयों में ही भ्रष्टाचार के होने का नाम ही ले रहा है।  भ्रष्टाचार और घोटाले पर विराम लग भी कैसे सकता है जब एक ही व्यक्ति के पास पाँच पाँच जिम्मेदार  पदों के दायित्व के साथ साथ इसके ऊपर से दो दिन से अधिक किसी निदेशक के अवकाश पर होने पर स्वतः ही उसकी शक्ति भी इन्हीं महाशय में आ जाने की पावर वाले ऊर्जा निगम के एमडी दशानन नहीं तो क्या कहलायेंगे। यूपीसीएल के एमडी सहित निदेशक (मा. स.) स्वतः ही बिना आदेश के इन महाशय पर और एमडी, पिटकुल के प्रभारी एमडी के साथ साथ यही जनाब, बिना आदेश के निदेशक (परियोजना) और निदेशक (परिचालन) भी जिस सबको मल्टीप्लाई के दीजिए दो दिन वाली नायाव और अजब गजब प्राप्त शक्ति से।  तो हुये न दशानन। अब ऐसे में बेचारे दशानन एमडी साहब से कैसे उम्मीद की जाए के भ्रष्टाचार और घोटाले थम जायेंगे? या फिर उनकी दादागीरी और स्वछंदता रुक पायेगी, जैसा रूप होगा तो क्या भूख और पेट वैसा नहीं होगा! आश्चर्य तो इस बात का भी है पहले तो रावत ऊर्जा मंत्री थे,  जिस कारण सीएम साहब लाचार थे,  परंतु अब तो माननीय सीएम साहब ही ऊर्जा मंत्री भी! अब क्या कारण है?  कहीं आपका ये शासन में बैठा पूरा ऊर्जा विभाग निष्क्रिय तो नहीं हो गया जिस कारण एक्शन और सक्रियता नहीं  दिखाई पड़ रही?  क्या अब भी पूर्व ऊर्जा मंत्री की हनक का असर है या फिर…! 
हरिद्वार। जगजीतपुर एसडीओ को कनखल क्षेत्र के एक बिजली घर से विजीलेंस टीम ने रंगे हाथों रिश्वत  लेते ही गिरफ्तार कर लिया।
ज्ञात हो कि उक्त एसडीओ  भाजपा पार्षद लोकेश पाल के भाई महेश पाल से जिसने खोखरा तिराहे के पास नया मकान बनाया है। मकान में बिजली का कनेक्शन लेने के लिए उन्होंने चार महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन एसडीओ संदीप शर्मा कभी निरीक्षण तो कभी निचले कर्मचारियों की रिपोर्ट का बहाना बनाते हुए टाल मटोल कर रहा था। आरोप है कि एसडीओ ने कनेक्शन की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी।

कनखल क्षेत्र में भाजपा पार्षद के भाई से बिजली कनेक्शन के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगना ऊर्जा निगम के एसडीओ को भारी पड़ गया। आज शनिवार दोपहर देहरादून से आई विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपी एसडीओ कनेक्शन के लिए चार महीने से पीड़ित को चक्कर कटा रहा था। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने बंद कमरे में घंटों तक एसडीओ से पूछताछ की. वहीं, इस कार्रवाई से ऊर्जा निगम कर्मियों में हड़कंप मचा रहा।

ज्ञात हो कि एसडीओ ने कनेक्शन की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने इसकी सूचना विजिलेंस के टोल फ्री नंबर 1064 पर दी। जिसके बाद विजिलेंस ने एसडीओ को रंगे हाथ पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया. तय योजना के अनुसार शनिवार दोपहर महेश पाल पैसे लेकर पहुंचा. जैसे ही एसडीओ ने रकम हाथ में पकड़ी, विजिलेंस ने रंगे हाथ दबोच लिया। इससे ऊर्जा निगम कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। विजिलेंस टीम ने घंटों तक पूछताछ करने के साथ ही दफ्तर में फाइलें भी खंगाली।

बताया जा रहा यह सच ही लग रहा है कि जब मुखिया ही एसडीओ और एक्शियन स्तर पर चौथ वसूलेगा और  सारे नियम कानून ताक पर रखकर, बोली लगाकर पोस्टिंग करेगा तो रिश्वत स्वतः ही परवान चढेगी।

ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार के दावों के बावजूद सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। देहरादून से आई विजिलेंस विभाग की विशेष टीम ने शनिवार दोपहर कनखल क्षेत्र के एक बिजली घर पर छापेमारी कर एक अधिकारी को ₹20,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने की शिकायत बीजेपी पार्षद ने की थी। टीम ने फिलहाल रिश्वतखोर अधिकारी को हिरासत में ले लिया है।

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