समाजसेवा व सोशल डिस्टेंसिंग का डिजिटल तरीका: कूपन लो और मुफ्त राशन पाओ

समाजसेवा व सोशल डिस्टेंसिंग का डिजिटल तरीका: कूपन लो और मुफ्त राशन पाओ

WJI ऐसी शख्शियत को ‘कोरोना वारियर एवार्ड’ से करेगी सम्मानित

देहरादून। आज पूरे देशभर में लोग कोरोना वायरस “कोविड-19” के कारण लाॅकडाउन में फंसे गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद में जुटे हैं। कई लोग राशन बांटने में जुटे हैं। इस काम में कई लोग दिन-रात एक किए हुए हैं।

शशी भूषण मैठानी व उनकी दोनो बेटियो को मैं सैल्यूट करता हूँ।

आज बात हम एक ऐसे कोरोना वारियर की कर रहें जो न ही छपास की चाहत रखता है और न ही किसी सार्टीफिकेट की। उसका केवल थह कहना और मानना है कि मैंने जब अपनी उस माई को देखा जिसकी रसोई के चूल्हे से वह चाय की केतली न ही उतरती थी और न ही चाय से खाली होती थी। जो भी मेरे गाँव से मेरे घर के सामने से गुजरता था और कहकर चाय पीता था कि माई च्य नहीं पिलायेगी क्या? तब मेरी माँ / माई का एक ही जबाव होता था कि बेटा ये अन्नपूर्णा माँ का ही प्रताप है!

समाज सेवा में लगे हमारे पत्रकार साथी शशी भूषण मैठानी व उनकी दोनो बेटियो को मैं सैल्यूट करता हूँ और हमारी यूनियन वर्किंग जर्नलिस्ट आफ इण्डिया WJI की ओर से उन्हे सम्मानित किए जाने के निर्णय का स्वागत भी करता हूँ।

इन कोरोना वारियर्स ने सरकारों को एक पिलर की तरह डटकर सहयोग किया। यूं कहें कि सरकारों को एहसास ही नहीं होने दिया कि कितने लोगों को रोजाना खाना खिलाया जा रहा है और ये सब कैसे सम्भव हो पा रहा है। एक ऐसे ही समाजसेवी हैं शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’।

समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ पिछले 54 दिनों से लगातार लोगों की मदद करने में जुटे हैं। अब तक वो ढाई हजार से अधिक लोगों को राशन बांट चुके हैं। मैठाणी के साथ उनकी दोनों नन्ही बेटियां मनस्विनी और यशस्विनी भी पिछले 54 दिनों से लगातार काम कर रही हैं। उनके काम की लोग सराहना भी कर रहे हैं। अब उन्होंने सोशल डिस्टेंश को मेंटेन करने और कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए खास तरीका खोज निकाला है।

शशि भूषण मैठाणी ने जरुतमन्दों को राशन मुहैया कराने के लिए एकदम नया तरीका निकाला है। उनके अनुसार घर से ही वे जरूरतमंद परिवारों को डिजिटल कूपन जारी कर रहे हैं, जिसे दिखाकर जरूरतमंद ग्रोसरी स्टोर से निःशुल्क राशन प्राप्त कर लेगा। बस उसे स्टोर मैनेजर को डिजिटल कूपन दिखाना होगा।

डिजिटल कूपन वाला आईडिया पूरे देश में अभी तक किसी का नहीं है। इससे सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन होगी व पारदर्शिता भी बनी रहेगी और सबका रिकार्ड मेंटेन होगा।

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