लापरवाही व भगवान भरोसे चल रहे हैं क्वारंटीन हास्टल और कैम्पस। भगत सिंह कालोनी के लोग नहीं निकल सकेंगे अब 14 अप्रैल तक घरों से बाहर : पूर्ण लाकडाउन

क्वारंटाइन हेतु तीन होटलों का किया डीएम ने अधिग्रहण

भगत सिंह कालोनी के लोग नहीं निकल सकेंगे अब 14 अप्रैल तक घरों से बाहर : पूर्ण लाकडाउन

लापरवाही व भगवान भरोसे चल रहे हैं क्वारंटीन हास्टल और कैम्पस

संक्रमित और असंक्रमित रखे जा रहे एक साथ

देहरादून। आज कोरोना संक्रामक महामारी के चलते covid-19 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये कोरोना संदिग्धों को रखने और उनके चिकित्सीय परीक्षण आदि के लिए आज दून के निरंजनपुर स्थित होटल वाइस राय इन, जी एम एस रोड के होटल स्काई स्कैपरस व पटेल नगर के होटल दून कैसेल का अधिग्रहण कर लिया है।

वहीं एक आदेश में डीएम नये भगत सिंह कालोनी क्षेत्र को आगामी 14 अप्रैल तक पूर्ण लाकडाउन कर दिया गया है। इस क्षेत्र के लोग अब घरों के अन्दर ही रहेंगे और इस क्षेत्र की बैंक आदि सभी बन्द रहेगी। आवश्यक सामाग्री प्रशासन मुहैया करायेंगे।

ज्ञात हो कि जहाँ एक ओर डीएम साहब व शासन प्रदेश में फैलते कोरोना संक्रमण की रोक थाम हेतु चिंतित हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमलों की लापरवाही भी सामने आ रही है जो असंक्रमित लोगों में कोरोना फैलाने में खासी भूमिका निभा सकती है।

यही नहीं इस तरह की लापरवाहियों व अव्यवस्था के चलते उन लोगों में भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है जो अभी तक बचे हुये हैं। जिस तरह से पुलिस लोगों को चिन्हित करके ढूँढ कर थाने में बुलाकर एम्बूलेंस में भर-भरकर लाकर लापरवाही से करोना क्वरंटाइन हास्टलों व भवनों में गैर जिम्मेदाराना ढंग से राम भरोसे संक्रमित और असंक्रमित को एक साथ एक ही होस्टल में छोड़ रही है उससे जिन्हें संक्रमण नहीं वे भी संक्रमित हों सकते हैं। ऐसा ही एक मामला आज प्रकाश में आया है।

 

MPसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज थाना रायपुर द्वारा अघोईवाला के 13 सदस्यीय परिवार के महिला व पुरुषों को एम्बुलेंस में डालकर नंदा की चौकी के निकट पौन्धा क्षेत्र में बनाए गये आक्सफोर्ड कैप्स Oxford Caps में कोरोना संक्रमित होने की आशंका से अपरान्ह लाकर लावारिशों की तरह यह कहकर छोड़ दिया गया है कि यहाँ जिस कमरे में चाहो रहो और पहले टेस्ट होगा फिर 14दिन यहीं रहना पड़ेगा।

ज्ञात हो कि वहाँ इस होस्टल में पहले से ही अनेकों संदिग्ध (निगेटिव या पाजेटिव का पता नहीं ) पूर्ण आजादी से स्वछन्द रह रहे हैं।

ज्ञात हो कि भूरे खाँ (60)व मोहम्मद फहीम (58)के परिवार के कुछ सदस्य 14-15 मार्च को दिल्ली निजामुद्दीन औलिया की दरगाह होते हुये अजमेर शरीफ आदि घूमते हुये वापस देहरादून 20मार्च को ही आ गये थे। तभी से ये लोग अबतक अपने परिवार के साथ स्वस्थ रुप में रह रहे थे।

 

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इन लोगों ने घबराहट के साथ यह भी आशंका व्यक्त की है जिस तरह से उन्हें व और लोगों को ला-लाकर रखा जा रहा है उससे उन सबकी जान को भी खतरा पैदा हो सकता है और वे भी संक्रमित हों सकते हैं, इस परिवार के क्वारंटीन किये गये इन लोगो में 48वर्षीय नईमा खातून वीपी एवम शुगर की मरीज हैं तथा उनकी दवा घर पर ही है इसी तरह भूरे खाँ साँस के मरीज हैं।

उल्लेखनीय तो यह भी है कि होस्टल में स्वास्थ्य विभाग के ड्यूटी कर रहे व पुलिस के जवान भी यहाँ इस तरह से सुरक्षित दिखाई नहीं पड़ रहे हैं क्योंकि यहाँ सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। इस कैम्प में लगभग 60-70 संदिग्ध बताये जा रहे हैं।

क्या इस तरह की व्यवस्था से प्रशासन व शासन वेखवर है या अनजान बनकर लीपापोती कर रहा है। यह व्यवस्था स्वतः ही सवालिया निशान लगा रही है।

 

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