शुक्रवार को दिन में थराली में सीएम धामी ने कहा था कि ‘अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के प्रति लापरवाह है, जनहित के कार्यों के प्रति लापरवाह है, या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.’ देर शाम उन्होंने नैनीताल में ऐसे ही मामले में कड़ा एक्शन लिया है. सीएम ने सरकार की योजनाओं को जनता तक ना पहुंचाने और जानबूझकर काम में हीला हवाली करने के आरोप में एक अधीक्षण अभियंता को निलंबित किया है.
दरअसल चमोली जिले के थराली से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नैनीताल पहुंचे थे. नैनीताल में कुमाऊं मंडल स्तरीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में कुमाऊं मंडल के छह जनपदों नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत एवं ऊधम सिंह नगर के जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री ने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मानकों के अनुरूप कार्य न होने या अनावश्यक देरी होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विजिलेंस व्यवस्था को और सशक्त एवं सक्रिय बनाया जा रहा है. अब सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में सीधे और निर्णायक हस्तक्षेप करेगी. किसी भी स्तर का अधिकारी यदि दोषी पाया गया, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी. हालांकि उसे निष्पक्ष सुनवाई और स्पष्टीकरण का अवसर भी दिया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि जनता के सपनों को साकार करना ही हमारी प्राथमिकता है. उत्तराखंड पहले ही कई क्षेत्रों में देशभर में अग्रणी बन चुका है और अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि अन्य क्षेत्रों में भी प्रदेश शीर्ष स्थान पर पहुंचे.