उत्तराखंड में 15 जून के आसपास मॉनसून दस्तक दे सकता है. मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ने की आशंका है. क्योंकि इस साल डेंगू के मामले समय से पहले ही सामने आ गए हैं. ताजा हालात पर बात करें तो प्रदेश में अभी तक डेंगू के 68 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 58 मरीज ठीक हो चुके हैं और 10 मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है. इसीलिए डेंगू के डंक को दबाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियों लगभग पूरी कर ली है.
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक 39 डेंगू के मामले देहरादून में आए है. जबकि प्रदेश के अन्य जिलों हरिद्वार में 12, पौड़ी में 2, उधम सिंह नगर में एक और पिथौरागढ़ जिले में एक मामला सामने आया है. इसके अलावा 13 डेंगू के मामले ऐसे भी हैं, जो अन्य राज्यों से देहरादून में आए हैं. यानी दूसरे राज्यों से 13 लोग देहरादून में आए हैं, जिनमें डेंगू की पुष्टि हुई है. उत्तर प्रदेश से 12 और राजस्थान से उत्तराखंड आए एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है.

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता टम्टा ने बताया कि इस साल प्रदेश में डेंगू ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है. इसीलिए अभी तक 68 मामले सामने आ चुके है, जिसमें से अधिकतर मरीज ठीक हो चुके है और अभी तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है.
साथ ही बताया कि सभी जिलों को पहले ही गाइडलाइन जारी की जा चुकी है. डेंगू से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण सोर्स रिडक्शन है. जिसके चलते सोर्स रिडक्शन के लिए आशा कार्यकर्ताओं और नगर निगम कर्मचारी अपना सहयोग दे रहे है. इसके साथ ही अन्य विभाग भी अपना सहयोग दे इसके लिए विभागों के साथ भी मीटिंग की जा चुकी है.
आयुर्वेद डॉक्टर डॉ अर्चना कोहली ने बताया कि वर्तमान समय में सीजनल वैरिएशन चल रहा है, जिसके चलते लोगों को फीवर और कोल्ड की समस्या हो रही है. अधिकतर लोगों को सुखी खांसी हो रही है, जिस कारण लोगों को ठीक होने में लंबा समय लग जा रहा है.
इसके अलावा अपच और पेट खराब होने की समस्या भी हो रही है. ऐसे में अगर किसी को सर्दी खांसी और बुखार की समस्या होती है तो डॉक्टर से जरूर परामर्श ले. साथ ही जांच भी कराए. क्योंकि वर्तमान समय में कोविड की आशंका बनी हुई है. डेंगू और कोविड की आशंकाओं के बीच अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है.