उत्तराखंड में मौसम का मिजाज तल्ख नजर आ रहा है. इसी कड़ी में उत्तरकाशी जिले में बारिश का कहर देखने को मिला है. जिसके चलते बड़कोट के खरादी में तेज बारिश के बाद मलबा आ गया. जिससे यातायात बाधित हो गया. अभी सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. राहत की बात ये है कि किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है. उधर, रामनगर में बड़े-बड़े ओले गिरे हैं. जिससे लोगों को चोटें आई हैं.
पौड़ी के बीरोंखाल के रसिया महादेव क्षेत्र में भारी बारिश से अफरा तफरी मच गई. खटलगढ़ क्षेत्र में कहानी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से लोगों में दहशत फैल गई. स्थानीय प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नदी किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी कर दी है. राहत की बात है कि किसी प्रकार की जान-माल की नुकसान की सूचना नहीं है.
इधर, पौड़ी शहर के सर्किट हाउस, श्रीनगर रोड और कंडोलिया क्षेत्र में आंधी-तूफान के कारण कई स्थानों पर पेड़ सड़कों पर गिर गए. जिससे मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया और वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई. वहीं, पेड़ गिरने से एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और युद्ध स्तर पर राहत एवं बहाली के काम में जुट गई है.

रामनगर में बुधवार की शाम मौसम ने अचानक करवट ली और देखते ही देखते तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी. इतना ही नहीं तेजी के साथ ओलावृष्टि भी शुरू हो गई. तेज आवाज के साथ गिरे बड़े-बड़े ओलों ने लोगों को पूरी तरह चौंका दिया. बाजार और गलियों में जो जहां था, वहीं रुक गया. कई लोग ओलों की चपेट में भी आ गए, जिससे उन्हें सिर और शरीर पर हल्की चोटें आई हैं.
बताया जा रहा है कि ओले इतने बड़े आकार के थे कि राह चलते लोग सिर ढकते हुए किसी सुरक्षित जगह की ओर भागने लगे. कुछ दुकानों के टिन शेड और वाहन तक ओलों की मार से क्षतिग्रस्त हो गए. खेतों में खड़ी सब्जियों और फसलों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि, प्रशासन की ओर से नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
उत्तराखंड विभिन्न इलाको में बरसात के अलर्ट के बाद बरसात जारी है. उधम सिंह जिले के सीमांत खटीमा इलाके में भी बीते रात से रुक रुककर बरसात हो रही है. खटीमा के चकरपुर कुटरी इलाके में पूर्व सैनिक दीवान सिंह मेहता के घर में बिजली गिरने की वजह से छज्जा क्षतिग्रस्त हो गया. आकाशीय बिजली की वजह से घर का पंखा, टीवी, सेटअप बॉक्स समेत बिजली उपकरण फूंकने से भारी नुकसान हुआ है. भारी ओलावृष्टि से किसानों की फसल और कच्चे घरों की छतों को नुकसान पहुंचा है.