(सुनील गुप्ता, ब्यूरो चीफ)
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में कुछ क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं और पुष्कर धामी नित नये एक्शन मोड में फिलहाल नजर आ रहे है। इसी एक्शन मोड के अन्तर्गत आज तीन अईएएस के कार्यों में फेरबदल किया गया है। इनमें वरिष्ठ आईएएस राधा रतूड़ी से अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्मिक व सतर्कता का कार्य वापस लेकर उन्हें यूपीसीएल समेत तीनों ऊर्जा निगमों का अध्यक्ष बनाया गया है।
इसी प्रकार अरविन्द सिंह हंयानकी से आयुक्त कुमाऊं मंडल हटाया गया सचिव कार्मिक सतर्कता व स्टाफ ऑफिसर मुख्य सचिव बनाया गया अरुणेंद्र सिंह चौहान से अपर सचिव मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार हटाया गया।

उल्लेखनीय है कि सीएम धामी के इस कदम से शायद अब ऊर्जा विभाग के निगमों व उरेडा में भाजपा शासन काल में हुये घोटालों और उनके आकाओं का पटाक्षेप हो सकेगा! किन्तु राधा रतूडी़ को ऊर्जा निगमों का केवल अध्यक्ष बनाया जाना ही पर्याप्त नहीं माना जा रहा है । सूत्रों की अगर यँहा माने तो वर्तमान सचिव ऊर्जा जो अभी भी विगत चार वर्षों से टस से मस नहीं हुईं हैं और उन्हीं के कार्यकाल में बडे़ बडे़ घोटालों और भ्रष्टाचारों के मामलों को बजाए विराम लगने के पंख लगे और गति मिली। ऐसे में सचिव ऊर्जा का दायित्व भी बदला जाना नितांत आवश्यक सा बन गया है अपितु इस अधूरे बदलाव से ऊर्जा प्रदेश के इस महत्वपूर्ण ऊर्जा विभाग का उद्धार सम्भव नहीं हो सकेगा। चर्चा तो यह भी गौर तलब है कि मुख्यतः अधिकतर कार्य सचिव के रूप में ही सम्पन्न होंते हैं अध्यक्ष का होना तो मात्र रबड़ स्टैम्प के समान ही होता है। तो ऐसे में भ्रष्टाचार और घोटालों का थमना व उनका पटाक्षेप होना मुश्किल कार्य होगा।
देखना यहाँ गौर तलब होगा कि सीएम पुष्कर धामी इस पर क्या रुख अपनाते हैं?