खुशहाली, समृद्धि की कामना के प्रतीक के रूप में मनाये जाने वाले त्योहार फूलदेई की स्वतंत्र उत्तराखंड में धूम है, नए फूलो के आने का संदेश देने वाला यह त्योहार उत्तराखंड की परम्परा का अनूठा हिस्सा भी है। प्रातः काल से ही बच्चे सज धज कर फूलो की टोकरी लेकर जब फूलदेई मनाने निकले तो दृश्य ही कुछ अलग था। परम्परागत सजी धजी लड़कियों की मौजूदगी ने त्योहार को एक अलग ही रंग दिया, गांव मुहल्ले की हर देहली पर जब बच्चो ने फूल डालकर सुख समृद्धि की कामना की तो लोगों ने उन्हें गुड़, चावल और भेंट देकर शुभकामनाएं स्वीकार की।

स्थानीय लोगों ने कहा की फूलदेई त्यौहारिरखंड की परंपराओं का एक हिस्सा है जो आज विलुप्त होने के कगार पर है, लिहाजा नई पीढ़ी को यह बताना बहुत जरूरी हो गया है कि हम किन किन त्योहारों को किस रूप में मनाते हैं, लिहाजा इन बच्चों के। द्वारा फूलदेई मनाने को लेकर जो संदेश आम जनता में गया है वह लोगों को इस बात के लिए जागरूक करेगा कि अपनी संस्कृति अपनी त्यौहारों को भूल न जाए, बल्कि परम्परा आगे बढ़ाना बहुत जरूरी है, इस मौके पर फूलदेई मनाने वाले बच्चे के लिए बेहद खुश नजरिए हैं। आया और उन्होंने उत्तराखंड की जनता की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।